उत्सव दीपो का है आया - दीपावली
हर दिशा है जगमग, हर ओर खुशहाली
बाज़ारों में रोनक है और सड़कों पर है धूम मची,
पटाखों से आसमान खिल उठा और धरती भी है गूँज उठी...
चौराहों, मंदिर, गलियों में, लगे हुए है मेले
नज़र पड़े जिस ओर दिखे, बस खुशियों भरे चेहरे
झिलमिल-झिलमिल बिजली की, रंग बिरंगी लडियाँ
नन्हे नन्हे हाथों में, दिल जीत लें फुलझड़ियाँ
जब रात के बारह बजते है, सब लक्ष्मी पूजन करते है
रात की कालीमा को हटाने के लिए, दीपों से उजाला करते हैं
अंतर्मन के अंधेरे को दीपों से डोर भगाएँगे
नयी आस के दीप जला कर, नैनों में स्वप्न सजाएँगे
सत्य की आग में झूट जलाकर, हर अंधकार हटाएँगे
बुराइयों का अंत करेंगे, हर शाम दीवाली मनाएँगे
हम मुस्कुरा कर मॅन ही मॅन, ये प्र्न भी लेंगे
प्रेम की ज्योत से हर दिल को ज्योतिर्मय करेंगे...
1 comments:
Happy diwali... :) awesome poem... :)
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