कुछ दर्द अभी भी बाकी है


एक हवा का झोंका आया
और मैं  तुझसे कुछ कह ना पाया
रास्ते अपने जुदा हो गये
पर कुछ दर्द अभी भी बाकी है...

बातें थी जो कहनी थी
दूरी और ना सहनी थी
आगे चाहे जितना बढ़ गया हू मैं
पर कुछ दर्द अभी भी बाकी है...

बारिश की गुम्सुम बूँदों मे
आसू है, नशा है, साकी है
कुछ कहने को ना आज मगर
कुछ दर्द अभी भी बाकी है...

ज़माना वो अब गुज़र गया
जब साथ ज़माना चलता था
अब मिलके भी तुझसे बेचैनी है, खामोशी है
कुछ दर्द अभी भी बाकी है...

रात का अकेलापन आज मगर ये
मुझसे धीरे से कहता है
भूल  गया सब जो कहा था उसने
बस कुछ दर्द अभी भी बाकी है....



5 comments:

Anonymous said...

Amazing.. Truly delighted.. :)

Bhejabhund (Rahul) said...

I did not know about this talent of yours....... but its amazing.........

Farookh said...

very touching... the number of your page views show that...

Deepti Kumar said...

an awesome hindi poem on a blog after a long time... great! :)

Shikha_Rajmal said...

U rocked it yet again... !!

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